रुढ़गढ़ बालाजी में दिनभर कथा और रात में कवि सम्मेलन से गूंजा परिसर

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रुढ़गढ़ बालाजी में दिनभर कथा और रात में कवि सम्मेलन से गूंजा परिसर

बेगूं। शनिवार को श्रीरुढ़गढ़ बालाजी मंदिर में धार्मिक और साहित्यिक कार्यक्रमों का अद्भुत संगम देखने को मिला। दिन में देव नारायण भगवान की कथा का आयोजन किया गया, जबकि रात में एक भव्य कवि सम्मेलन हुआ, जिसने श्रोताओं को साहित्यिक आनंद से भर दिया।
कवि सम्मेलन में राजस्थान के प्रसिद्ध कवियों ने अपनी रचनाओं से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध किया। समिति के अध्यक्ष रामचंद्र धाकड़ ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थानी गीतकार मोहन पुरी होड़ा मांडलगढ़ ने सरस्वती वंदना से की। इसके बाद आशु कवि सुनील धाकड़ ने अपने कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को मोहित किया। त्रिवेणी के कवि मनीष सुखवाल ने अपनी सशक्त रचनाओं से तालियां बटोरीं। ओम आदर्शी (जहाजपुर) ने हास्य कविताओं से माहौल को खुशनुमा बना दिया, जबकि युवा कवि सत्यनारायण स्वदेशी ने बापू आगी रे आखातीज करवादे म्हारो ब्याव जैसे गीत सुनाकर बेटी बचाओ का संदेश दिया।

 

वीर रस के कवि गिरिराज गंभीर एम.पी. सिंगोली ने अपनी कविताओं से जोश भरा और गौ रक्षा पर प्रेरक रचना सुनाई।अरविंद शर्मा (बेगूं) ने बेटियों पर जागरूकता भरे गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन ओजस्वी कवि अजय हिंदुस्तानी ने किया, जिन्होंने श्रोताओं को समाज में व्याप्त कुरीतियों और बुराइयों के खिलाफ जागरूक किया।
इस आयोजन ने न केवल धार्मिक और साहित्यिक मनोरंजन किया, बल्कि समाज में जागरूकता और सकारात्मक बदलाव का संदेश भी दिया। रुढ़गढ़ बालाजी सेवा समिति के कोषाध्यक्ष हीरालाल धाकड़, पुजारी हरिप्रसाद आमेटा, और व्यवस्थापक कमलेश शर्मा, नंदलाल धाकड़, गोपाल धाकड़, मोहनलाल धाकड़, शांतिलाल आमेटा, व्यवस्थापक कमलेश शर्मा, रामायण पाठी गोपाल सोनी, नगजी राम धाकड़, शोकिन धाकड़, राधेश्याम धाकड़, नरेश आमेटा सहित अन्य भक्त गण उपस्थित रहे।

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